
LIC के शेयर मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो गए है। यह शेयर बीएसई में 867 रुपये पर लिस्ट हुआ। एनएसई पर यह 872 रुपये पर लिस्ट हुआ। इश्यू प्राइस से करीब 8 फीसदी कम भाव पर लिस्टिंग ने इनवेस्टर्स को निराश किया।
हालांकि, थोड़ी देर बाद ही यह शेयर दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों में 900 रुपये के ऊपर पहुंच गया। करीब 10:10 बजे दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों पर इस शेयर का भाव करीब 900 रुपये चल रहा था। एलआईसी के शेयरों की लिस्टिंग पर सबकी नजर लगी हुई थी।
यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था, इसलिए बहुत ज्यादा चर्चा में था। ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर में डिस्काउंट पर ट्रेडिंग हो रही थी। इससे इनवेस्टर्स को इसकी कमजोर लिस्टिंग की चिंता सता रही थी। आखिरकार यह इश्यू प्राइस से कम पर लिस्ट हुआ। ग्रे मार्केट में इस शेयर के प्राइस ट्रेंड को देखते हुए एक्सपर्ट्स ने भी इसकी कमजोर लिस्टिंग की उम्मीद जताई थी।
सरकार ने एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 21,000 करोड़ रुपये हासिल किए हैं। पहले सरकार ने इस आईपीओ के जरिए एलआईसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 60,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बनाया था। लेकिन, मार्केट के खराब हालात को देखते हुए उसने आईपीओ का आकार घटा दिया। उसने एलआईसी की वैल्यूएशन भी कम कर दी।
एलआईसी ने रिटेल इनवेस्टर्स को प्रति शेयर 45 रुपये का डिस्काउंट दिया था। पॉलिसीहोल्डर्स को 60 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट दिया गया था। डिस्काउंट के बाद पॉलिसीहोल्डर्स को कंपनी ने प्रति शेयर 889 रुपये के भाव पर शेयर जारी किए, जबकि रिटेल इनवेस्टर्स को प्रति शेयर 904 रुपये पर।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में खराब हालात के बावूज एलआईसी का आईपीओ कामयाब रहा। इस इश्यू में पॉलिसीहोल्डर्स, एंप्लॉयीज और रिटेल इनवेस्टर्स ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई। इसकी वजह एलआईसी का मजबूत ब्रांड है। इसकी पहचान घर-घर में है। कई लोग तो इंश्योरेंस का मतलब एलआईसी से लगाते हैं। देशभर में इसका व्यापक सेल्स नेटवर्क है। देशभर में इसकी 2000 से ज्यादा ब्रांचेज हैं।
मंगलवार को लगातार दूसरे दिन स्टॉक मार्केट में तेजी दिख रही है। इससे पहले कई हफ्ते तक मार्केट का सेंटिमेंट बहुत कमजोर दिख रहा था। लेकिन, मंगलवार को लगातार मार्केट में तेजी का असर एलआईसी के शेयर की लिस्टिंग पर नहीं पड़ा। एलआईसी के शेयर 8 फीसदी से ज्यादा डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुए।
जानकारों का कहना है कि रिटेल इनवेस्टर्स को कमजोर लिस्टिंग से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें इस शेयर को लॉस में बेचने से बचना चाहिए। उन्हें इस शेयर पर भरोसा रखना चाहिए। मीडियम से लॉन्ग टर्म में यह शेयर इनवेस्टर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा।