July 27, 2024

हिमालय के एक हिस्से की चट्टानें क्ले और रेत से बनी हैं. वहीं हिमालय के दूसरे की बात करें तो यह हिस्सा दो प्लेटों के एक-दूसरे के अंदर धंसने से बना है इस हिस्से ने सबसे ज्यादा दबाव झेला है. सबसे ज्यादा एनर्जी जमीन के इसी हिस्से के नीचे है और सबसे ज्यादा भूकंप इसी इलाके के आसपास आने वाले हैं.
पर्वतों का उदाहरण अक्सर मजबूती और बुलंदी को लेकर दिया जाता है. पर क्या आपको पता है कि भारत की सीमाओं की मजबूती से रक्षा करने वाला हिमालय पर्वत दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एवरेस्ट को अपने में समेटे हुए इस पर्वत की चट्टानें कई जगहों पर काफी कमजोर और भुरभुरी हैं. इसके बावजूद दुनिया के सबसे नये पर्वतों में शुमार हिमालय के आसपास काफी सघन आबादी रहती है. इसकी वजह हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से निकलने वाली नदियां हैं,ये नदियां दुनिया की आबादी के करीब पांचवें हिस्से को पानी देती हैं. लेकिन हिमालय और इसके आसपास की जमीन अपने अंदर काफी हलचल समेटे हुए है जो समय-समय पर  जमीन की सतह पर भी दिखती रहती है. यह हलचल हिमालय और इसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है.इस खतरे की वजहें दरअसल हिमालय की बनावट में ही छिपी हैं. आइए जानते हैं कि किस तरह के खतरे को अपने अंदर समेटे हुए है हिमालय.
कैसे बना हमारा हिमालय?
हमारी धरती के नीचे कई तहों में प्लेट्स होती हैं जो गतिशील रहती हैं. कई बार यह प्लेट बीच से उठकर आपस में टकरा जाती हैं, जिसके असर और बदलाव धरती के ऊपर भी नजर आते हैं. हिमालय का निर्माण पृथ्वी के नीचे ऐसी ही दो प्लेटों (इंडियन और यूरेशियन प्लेट) के आपस में टकराने और एक-दूसरे में धंसने से हुआ है.जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं तो फॉल्ट लाइन बनती हैं. फॉल्ट लाइन तीन तरह की होती हैं: स्ट्राइक थ्रस्ट (प्लेटों का हॉरिजॉन्टली मूव करना), नॉर्मल फॉल्टलाइन जिसमें प्लेट एक-दूसरे से दूर जाती हैं और बीच में घाटी बन जाती है और तीसरी होती ही हिमालय को बनाने वाली रिवर्स फॉल्ट लाइन|
हिमालय की फॉल्ट लाइन
हिमालय में कई फॉल्ट लाइन हैं. हर फॉल्ट लाइन की सतह के पहाड़ या चट्टानें एक-दूसरे से अलग हैं. ये फॉल्ट लाइन गंगा के मैदानी इलाकों से लेकर तिब्बती पठार तक को एक-दूसरे को अलग करती हैं. इन फॉल्ट लाइन में प्रमुख हैं- हिमालयन सेंट्रल थ्रस्ट, लेसर हिमालयन, मेन सेंट्रल थ्रस्ट, टेथयान हिमालयन थ्रस्ट, ट्रांस हिमालय फॉल्ट लाइन, हायर हिमालय फॉल्ट लाइन. हिमालय के सभी भ्रंश यानी फॉल्ट लाइन की चट्टानों का स्वरूप अलग-अलग है.इनकी चट्टानों में दरारें हैं. कम उम्र की होने की वजह से ये काफी कमजोर भी हैं. हिमालयन रेंज का सबसे ऊंचा शिखर समुद्र के नीचे से निकला हुआ हिस्सा है. मेन सेंट्रल थ्रस्ट का हिस्सा कठोर चट्टानों से बना है तो मध्य हिमालय का हिस्सा भूकंप के लिहाज से सबसे संवेदनशील है. इस पर सड़क और डैम बनाते समय काफी सावधानी बरतने की जरूरत है|
हिमालय के दो हिस्से सबसे कमजोर
हिमालय की दो फॉल्ट लाइन सबसे संवेदनशील हैं. पहली- सेंट्रल थ्रस्ट जो शिवालिक रेंज और गंगा के मैदानी इलाके को अलग करती करती है और दूसरी है हायर हिमालयन लाइन यानी हिमालय का सबसे ऊंचा वाला हिस्सा,सेंट्रल थ्रस्ट वाली फॉल्ट लाइन की चट्टानें क्ले और रेत की बनी हैं.  इन पर जमीन के नीचे होने वाली किसी भी हलचल का सबसे ज्यादा असर पड़ता है.भू-वैज्ञानिकों ने इस इलाके को भूकंप के लिए सबसे संवेदनशील इलाकों में से माना है.  हायर हिमालय की बात करें तो यह हिस्सा दो प्लेटों के एक-दूसरे में धंसने से बना है.   इस हिस्से ने सबसे ज्यादा दबाव भी झेला है. सबसे ज्यादा एनर्जी जमीन के इसी हिस्से के नीचे है और सबसे ज्यादा भूकंप इसी इलाके के आसपास आने वाले हैं| 

PK_Newsdesk

What does 7 Days of Valentine means? LIFE CHANGING SPORTS QUOTES 4 Guinness World Records BTS broke in 2022 Sustainability Tips for Living Green Daily Quote of the day