December 9, 2024
gaza

इसराइल और हमास के बीच चल रही जंग की शुरुआत के बाद से पूरे मध्य पूर्व और उससे आगे तक फैली डर की परछाई, अब हमास के वरिष्ठ अधिकारी की हत्या के साथ और लंबी और गहरी हो गई है.

हमास की राजनीतिक शाखा के डिप्टी प्रमुख सालेह अल-अरुरी की मौत लेबनान के बेरूत के दक्षिण में हुए एक ड्रोन हमले में हुई.



अरुरी हमास की सशस्त्र इज़्ज़ेदीन अल-कासम ब्रिगेड से जुड़े एक अहम नेता तो थे ही बल्कि उन्हें हमास प्रमुख इस्माइल हानिया का भी क़रीबी सहयोगी माना जाता है.

हिज़्बुल्लाह और हमास के बीच संबंध बनाए रखने के लिए वो लेबनान में थे.

बीते साल सात अक्तूबर को हमास के हमले के साथ शुरू हुए इसराइल-गज़ा युद्ध से पहले भी लेबनान में मौजूद हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने कहा था कि लेबनान की ज़मीन पर निशाना बना कर किए गए किसी तरह के हमले का “मज़बूती से जवाब दिया जाएगा.”

लेकिन हिज़्बुल्लाह और उसका समर्थन करने वाले ईरान के उसके सहयोगी को ये पता है कि मौजूदा वक़्त में उनकी तरफ़ से आई कोई भी प्रतिक्रिया न केवल युद्ध की दिशा और दशा बदल सकती है बल्कि ये हिज़्बुल्लाह का नसीब भी बदल सकती है.

ये कोई राज़ नहीं था कि ग़ज़ा के बाहर रहने वाले हमास के नेताओं को भी आज नहीं तो कल इसराइल निशाना बनाएगा.

बीते साल नवंबर में ही इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी थी, “हमास के नेता जहाँ कहीं भी क्यों न छिपे हों इसराइल उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगा.”

कुछ महीने पहले, उन्होंने साफ़ तौर पर अल-अरुरी की तरफ इशारा किया था. सालेह अल-अरुरी को अमेरिका आतंकवादी घोषित कर चुका है. अमेरिका ने 2018 से उन पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा है.

अधिकतर मामलों में इसराइल न तो किसी की हत्या की पुष्टि करता है और न ही उससे इनकार करता है. लेकिन लंबे चले इस संघर्ष के दौरान उसने कई लोगों को निशाना बनाकर हमले किए हैं. बदले की कार्रवाई और हिंसा का ये इतिहास भी है.

लेकिन इसराइल अब बदले के लिए तैयार होगा. उसके कब्जे़ वाले वेस्ट बैंक और उससे आगे भी हमास नेता और उनके सहयोगी लोगों से अपील कर रहे हैं.

इसराइल के कई दोस्त और दुश्मन अब ये सवाल कर रहे हैं कि क्या सैन्य ताक़त और सैन्य अभियान के ज़रिए हमास को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है?

एक ऐसा सैन्य अभियान जो हज़ारों आम नागरिकों की मौत का कारण बन जाए, जिससे गंभीर मानवीय त्रासदी पैदा हो और जिसके आने वाले वक़्त में गहरे दर्द और ग़ुस्से को जन्म देने की संभावना हो.

इसराइल के भीषण सैन्य अभियान के बाद भी सात अक्तूबर को हुए इसराइल के दक्षिणी हिस्से में हमास के हमले का मास्टरमाइंड माने जाने वाले याह्या सिनवार समेत हसाम से और नेता ग़ज़ा में कहीं छिपे हैं.

लेबनान में सालेह अल-अरुरी की हत्या के बाद अब तुर्की और क़तर का ध्यान इस तरफ़ होगा जबकि वहाँ भी हमास के नेता मौजूद हैं और माना जाता है कि वो वहाँ सुरक्षित हैं.

उनके अलावा ये हत्या उन इसराइली नागरिकों के दिमाग़ों पर भी हावी रहेगी जिनके रिश्तेदार अब भी हमास के पास बंधक हैं और शायद कहीं ग़ज़ा में हैं.

हालांकि इस हत्या का सबसे पहला और बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा इसराइल और हमास के बीच चल रही बातचीत को.

हमास के कब्ज़े में मौजूद इसराइली बंधकों और इसराइल की जेलों में बंद फ़लस्तीनियों को छुड़ाने के लिए काहिरा में दोनों पक्षों के बीच हो रही बातचीत अब बंद हो गई है.

pk-logo
PK_Newsdesk

What does 7 Days of Valentine means? LIFE CHANGING SPORTS QUOTES 4 Guinness World Records BTS broke in 2022 Sustainability Tips for Living Green Daily Quote of the day