भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) गुरुवार 29, दिसंबर 2022 से लागू हो गया है। याद हो, दोनों देशों ने इस साल 2 अप्रैल को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वहीं 21 नवंबर, 2022 को ऑस्ट्रेलिया की संसद ने इस समझौते को अपनी मंजूरी दी तो वहीं भारत में भी इस समझौते को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। दोनों ही देशों के लिहाज से इस समझौते को काफी अहम समझा जा रहा है।
गौरतलब हो, भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को लेकर आज 29 दिसंबर को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री डॉ. पीयूष गोयल मुंबई में उद्योग जगत के हितधारकों एवं मीडियाकर्मियों को संबोधित भी करने जा रहे हैं।
किसी विकसित देश के साथ भारत का पहला मुक्त व्यापार समझौता
गौरतलब हो, ईसीटीए एक दशक से भी अधिक समय के बाद किसी विकसित देश के साथ भारत का पहला व्यापार समझौता है। इस समझौते में दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के सभी क्षेत्रों में सहयोग शामिल है।
भारत के इन श्रम प्रधान क्षेत्रों को होगा लाभ
इस व्यापार समझौते के तहत, भारतीय निर्यात ऑस्ट्रेलिया में अपनी 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों के लिए तरजीही शून्य-शुल्क बाजार पहुंच से लाभान्वित होंगे। इससे रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, खाद्य और कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद और चिकित्सा उपकरणों जैसे भारत के श्रम प्रधान क्षेत्रों को लाभ होगा।
देश में 10 लाख नौकरियां सृजित होने का अनुमान
दूसरी ओर, भारत ने अपनी टैरिफ लाइनों के 70 प्रतिशत से अधिक पर ऑस्ट्रेलिया को तरजीही पहुंच प्रदान की है, जो मुख्य रूप से कच्चे माल और मध्यवर्ती उत्पाद हमारे तैयार उत्पाद को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इस समझौते के परिणामस्वरूप देश में नौकरियों के भी अनेक अवसर पैदा होने की संभावना है जिसमें करीब 10 लाख नौकरियां सृजित होने का अनुमान लगाया गया है।
5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार 45 से 50 बिलियन डॉलर पार होने की उम्मीद
वहीं आगामी पांच वर्षों में कुल द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 31 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 45 से 50 बिलियन डॉलर के पार जाने की उम्मीद है। केवल इतना ही नहीं इस समझौते से सर्विस सेक्टर को नई ऊंचाई मिलने की भी उम्मीद की जा रही है।
6,000 से ज्यादा उत्पाद निर्यात शुल्क मुक्त होंगे
समझौते के तहत तकरीबन 6,000 से ज्यादा उत्पाद निर्यात शुल्क मुक्त होंगे। विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि इससे विश्व में भारत की स्थिति में और अधिक सुधार होगा। इसलिए इस समझौते के कई मायने समझे जा रहे हैं।
आसान शब्दों में समझें तो जब हमारे देश से कोई भी सामान दूसरे देश में भेजा जाता है या निर्यात किया जाता है तो वहां की सरकार उन सामानों या उन सर्विसेज पर कुछ टैक्स लगाती है जिन्हें ‘इम्पोर्ट ड्यूटी’ के तौर पर वसूला जाता है। इसे टेक्निकल भाषा में ‘टैरिफ’ कहा जाता है, लेकिन मुक्त व्यापार समझौते में व्यापार करने वाले देशों के बीच एक ऐसी लिस्ट तैयार की जाती है जिसमें कि उन सामानों पर या कुछ वस्तुओं पर शुल्क में छूट दी जाती है और अगर कोई ऐसा समझौता हो जिसमें कि शुल्क बिलकुल भी न लिया जाए तो उसे ‘मुक्त व्यापार समझौता’ कहा जाता है। हाल ही में ऐसा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ECTA समझौता हुआ है जिसमें भारतीय निर्यात ऑस्ट्रेलिया में अपनी 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों के लिए तरजीही शून्य-शुल्क बाजार पहुंच से लाभान्वित होंगे।
1 दशक में पहली बार किसी विकसित देश से ECTA समझौता
उल्लेखनीय है कि बीते एक दशक में ऐसा पहली बार है जब भारत ने किसी विकसित देश के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) किया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में यह पहली बार है कि उसने किसी देश के लिए 100 प्रतिशत टैरिफ लाइन खोलने का फैसला लिया है। ऐसे में इस फैसले से भारत को बड़ा लाभ मिलने वाला है।
वैश्विक कारोबार को लेकर बदला भारत का नजरिया
बदलते दौर के साथ वैश्विक कारोबार को लेकर भारत का नजरिया अब बदल चुका है। भारत अब द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों पर ज्यादा जोर दे रहा है। यूएई (UAE) के साथ ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता इसी दिशा में अगला कदम है।
वर्किंग वीजा से 1 लाख से अधिक भारतीय छात्र होंगे लाभान्वित
भारतीय योग शिक्षक और रसोइयों को वार्षिक वीजा कोटा का लाभ मिलेगा। ईसीटीए के तहत अध्ययन के बाद कार्य वीजा (1.5-4 वर्ष) से 1 लाख से अधिक भारतीय छात्र लाभान्वित होंगे। इस समझौते से निवेश के अवसरों में वृद्धि, निर्यात को बढ़ावा मिलने, महत्वपूर्ण अतिरिक्त रोजगार सृजन करने और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित होने की भी संभावना है।
ऑस्ट्रेलिया भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार हैं। ये चार देशों के क्वाड, त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला पहल और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम (आईपीईएफ) का भी हिस्सा हैं। ईसीटीए साझा हितों और व्यापार संपूरकताओं वाली दो जीवंत अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक भागीदारी के बारे में एक नया अध्याय खोलेगा। इस समझौते से दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के सम्पूर्ण क्षेत्र में सहयोग शामिल है।