अजरबैजान और अर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर संघर्ष चल रहा है। यह अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन यह एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से अर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अभी शांत नहीं हुआ है कि इसी बीच दो अन्य देशों के बीच सीमा पार युद्ध शुरू हो गया और इसमें करीब सौ सैनिकों की मौत भी हो गई है। असल में अर्मीनिया और अजरबैजान की सीमा पर चल रही लड़ाई में दोनों तरफ के करीब 100 सैनिकों की मौत हो गई। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी के और गहरा होने की आशंका बढ़ गई है।
एक ही रात में 49 आर्मीनियाई और 50 अजरबैजान के सैनिक
दरअसल, स्रोतों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि अर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान ने मंगलवार को कहा कि अजरबैजान द्वारा देर रात किए गए हमलों में 49 आर्मीनियाई सैनिकों की मौत हो गई। वहीं आजरबैजान ने कहा है कि उसके 50 सैनिक मारे गए हैं। इस प्रकार दोनों देशों के मिलाकर करीब सौ सैनिकों की मौत हो चुकी है।
तत्काल संघर्ष विराम करने की अपील
उधर अजरबैजान का कहना है कि उसने अर्मीनिया द्वारा सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह किए गए हमलों के जवाब में कार्रवाई करते हुए हमले किए। इस बीच भारत ने मंगलवार को दोनों देशों से आक्रमकता खत्म करने और तत्काल संघर्ष विराम करने की अपील करते हुए कहा कि सैन्य संघर्ष से किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने कहा कि भारत का विश्वास है कि द्विपक्षीय विवादों का समाधान कूटनीति और संवाद से होना चाहिए।
नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष
बता दें कि अजरबैजान और अर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है। नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन यह 1994 में एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में है। दोनों के बीच 2020 में छह सप्ताह तक चले युद्ध में 6600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।