भारतीय नागरिकों के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज बन चुके आधार कार्ड (Aadhaar Card) का डाटा एक बार फिर लीक हो गया है. इसमें लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां होती हैं, जिनका गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इस बार आधार का डाटा एक सरकारी वेबसाइट के जरिये लीक हुआ है.
एक सिक्योरिटी रिसर्चर की रिपोर्ट के अनुसार, देश के किसानों के हित के लिए बनाई गई सरकारी वेबसाइट Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi योजना के पोर्टल से करीब 11 करोड़ किसानों के आधार का डाटा लीक हो गया है. अगर यह डाटा गलत हाथों में पड़ जाए तो इसका इस्तेमाल कर साइबर ठग धोखाधड़ी भी कर सकते हैं. इससे पहले भी लोगों को आधार डाटा लीक होने की समस्या से गुजरना पड़ा है.
कौन सी डीटेल हुई है लीक
सिक्योरिटी रिसर्चर अतुल नायर ने मीडियम पर एक पोस्ट में कहा कि PM Kisan योजना की वेबसाइट के एक भाग के जरिये पंजीकृत किसानों के आधार नंबर लीक हो रहे थे. पोर्टल पर आए एक बग के कारण वेबसाइट का एक हिस्सा पीएम किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत किसानों के आधार नंबर को दिखा रहा था. इस समस्या को पहली बार जनवरी के आखिर में रिसर्चर द्वारा देखा गया था और भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ( CERT-In) को रिपोर्ट भी कर दिया गया था.
कुछ महीने में ठीक हो गई समस्या
कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने इस रिपोर्ट को तत्काल नोडल एजेंसी के जरिये संबंधित अधिकारियों को डिटेल भेज दी और कुछ महीनों में समस्या को ठीक कर लिया गया. नायर ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि जनवरी में आई इस समस्या को मई के अंत तक पूरी तरह ठीक कर दिया गया. समय रहते समस्या का खुलासा करने और इसके समाधान में मदद के लिए CERT-In ने रिसर्चर की सराहना भी की है.
पीएम किसान पर कितना पंजीकरण
सरकार ने साल 2019 में किसानों को सीधे नकद लाभ देने के लिए PM Kisan योजना की शुरुआत की थी. इसके जरिये किसानों का पंजीकरण इस सरकारी वेबसाइट पर कराया गया था. अभी तक करीब 11 करोड़ किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है. योजना के तहत किसानों को हर महीने 500 रुपये दिए जाते हैं, जिसकी किस्त हर चार महीने पर 2,000 रुपये के रूप में सीधे खाते में डाली जाती है.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब किसी सरकारी वेबसाइट द्वारा आधार कार्ड की डिटेल लीक हुई है. साल 2019 में झारखंड सरकार द्वारा कथित तौर पर अपने हजारों कर्मचारियों का आधार डाटा लीक किया जा चुका है.