जल संरक्षण और रखरखाव को लेकर दुनियाभर में लोगों के मन मे जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है. हम सभी जानते हैं कि ‘जल ही जीवन है.’ जल मनुष्य और जीव-जंतुओं के लिए बेहद ज़रूरी है. इसके अलावा खेती करने , घर के काम करने , नहाने धोने के लिए लगभग हर ज़रूरी काम के लिए पानी ज़रूरी है|
विश्व जल दिवस का इतिहास (World Water Day 2023)
हम हर साल देखते है पानी बचाने के लिए बड़े -बड़े अभियन चलाए जाते हैं जहां पानी को लेकर लोग और कई दिग्गज व्यक्तित्व अपने विचार रखते हैं, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर विश्व जल दिवस की शुरुआत कब हुई थी? आइए बताते हैं. दरअसल 22 दिसंबर, 1992 को संयुक्त राष्ट्र असेंबली में प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें ये घोषणा की गई कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसके बाद 1993 से दुनियाभर में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
क्या है विश्व जल दिवस 2023 की थीम
हर साल UN द्वारा जल दिवस के आस-पास जल सम्मलेन का आयोजन भी किया जाता है. इस साल संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मलेन 22 से 24 मार्च ,न्यूयॉर्क में किया जायेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2010 में United Nations ने “सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार” को मानव अधिकार के रूप में मान्यता दी थी.
क्या है विश्व जल दिवस का महत्त्व ?
पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों की उत्त्पत्ति जल से ही हुई है. अन्य ग्रहों पर भी वैज्ञानिकों द्वारा पानी की खोज को प्राथमिकता दी गयी है. ‘जल ही जीवन है’ यह कथन सत्य है क्यूंकि पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. अधिकांश संस्कृतियों का विकास भी नदी किनारे हुआ है. पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है शेष भाग पर मानव ,जीव जंतु ,जंगल ,मैदान पठार या पर्वत आदि मौजूद हैं. हर प्राणी जल पर निर्भरता रखता है लेकिन यह भी सत्य है की जल का अनावश्यक उपयोग भी हो रहा है. जनसँख्या विस्तार और औद्योगिकीकरण के कारण पानी की खपत में इजाफा हुआ है.