हाल ही में सामने आईं कुछ रिपोर्टों से पता चला है कि लाल सागर से गुज़रने वाले जहाज़ों पर यमन के हूती विद्रोहियों के जो हमले हो रहे हैं, उनका मुक़ाबला करने के लिए की जा रही अमेरिकी कोशिशों को झटका लगा है.
दरअसल, अमेरिका के खाड़ी के सहयोगी देश यूएई और सऊदी अरब के बीच मतभेद की वजह से उसे ऐसा करना पड़ा है.
ब्लूमबर्ग न्यूज़ ने यमनी और सऊदी अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि अबू धाबी हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई का समर्थन करता है, जबकि रियाद को आशंका है कि इस तरह का तनाव हूतियों के साथ युद्धविराम की कोशिशों को नुक़सान पहुंचा सकता है.
यह पहली बार नहीं है कि दोनों खाड़ी अरब सहयोगियों के बीच मतभेद सामने आए हैं.
यूएई और सऊदी अरब के बीच हमेशा आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक साझेदारी रही है, जो कि दोनों खाड़ी पड़ोसियों के एक जगह होने और सामान्य हितों का परिणाम है. इसके अलावा, दोनों को इस क्षेत्र में आम चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है, जिससे वे कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एकजुट सहयोगी बन जाते हैं.