कोरोना काल के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई 2021 को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम (PM CARES for children scheme) लॉन्च की थी.
पीएम मोदी आज पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत बच्चों के लिए स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं जारी करेंगे. इसे लेकर रविवार को खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने लिखा- 30 मई को 10.30 बजे पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम (PM CARES for children scheme) के तहत बच्चों को पासबुक और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हेल्थ कार्ड सौंपा जाएगा.
क्या है यह स्कीम
कोरोना काल के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए इस योजना को बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई 2021 को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम (PM CARES for children scheme) के तहत ऐसे बच्चों को 2 हजार रुपये की सहायता राशि के साथ पढ़ाई-लिखाई और मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा देने की घोषणा की थी. बच्चों के रजिस्ट्रेशन के लिए pmcaresforchildren.in नाम से एक पोर्टल लॉन्च किया गया था.
सबसे ज्यादा आवेदन महाराष्ट्र से
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से शेयर किए गए डाटा के मुताबिक, सबसे अधिक 1,158 आवेदन महाराष्ट्र से प्राप्त हुए थे. उसके बाद उत्तर प्रदेश से 768, मध्य प्रदेश से 739, तमिलनाडु से 496 और आंध्र प्रदेश से 479 आवेदन मिले थे.
क्या हैं स्कीम के फायदे
- कोरोना के कारण माता-पिता खोने वाले बच्चों को सरकार 18 साल की उम्र तक मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) देगी.
- इसके तहत बच्चों के 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये की राशि एकमुश्त दी जाएगी.
- केंद्र सरकार की तरफ से इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी.
- इसके तहत बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन मिलेगा, जिसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा.
- इन बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 18 साल तक 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा.
- इंश्योरेंस का प्रीमियम पीएम केयर्स फंड से भरा जाएगा.
- दस साल से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी सेंट्रल स्कूल या प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया जाएगा.
- जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में भर्ती कराया जाएगा.
- अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे भी नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में एडमिशन मिलेगा.
- बच्चे का नामांकन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसकी फीस पीएम केयर्स फंड से दी जाएगी और उसकी स्कूल यूनिफॉर्म, किताब एवं कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा.