आप देखते होंगे कि आए दिन टाइम ट्रैवेलर्स दावा करते हैं कि उन्होंने 5000 साल आगे की धरती देखी है या फिर वो 600-700 साल आगे की घटनाएं जानकर लौटे हैं. उनके दावे सुनने के बाद पहला सवाल जो मन में आता है, वो ये है कि वाकई इन घटनाओं को क्या सच माना जा सकता है? अब इनकी बातों का तो नहीं पता लेकिन हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में ज़रूर बता सकते हैं, जहां टाइम ट्रैवेल बिल्कुल संभव है|
सदियों से इस बात पर रिसर्च चल रही है कि इंसान वक्त से आगे पहुंच सकता है या नहीं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जो हज़ारों साल से यहां मौजूद है और यहां टाइम ट्रैवलिंग संभव है. आपने इसके बारे में शायद सुना भी हो. ये एक द्वीप है, जिसका नाम डायोमीड है|दो हिस्सों में बंटे हुए इस आइलैंड की खासियत ये है कि इसके छोर से दूसरे छोर तक पहुंचते ही आप अतीत से भविष्य में पहुंच जाते हैं|
यहां भविष्य में पहुंच जाते हैं लोग …
डायोमीड आइलैंड दो हिस्सों में बंटा है – बिग डायोमीड लिटिल डायोमीड. इन दोनों के बीच दूरी सिर्फ तीन मील यानि 4.8 किलोमीटर की है, लेकिन ये सफर इतना महत्वपूर्ण है कि ये आपको फ्यूचर में पहुंचा देता है. प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) से गुजरने वाली इंटरनेशनल डेट लाइन (International Date Line) से बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के बीच एक दिन का अंतर हो जाता है. इंटरनेशनल डेट लाइन एक ऐसी काल्पनिक रेखा है, जो उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक जाती है. ये कैलेंडर के एक दिन और दूसरे दिन के बीच का बॉर्डर है. यही वजह है कि एक से दूसरे छोर तक जाने में कैलेंडर का दिन बदल जाता है और इंसान अतीत से भविष्य की सैर कर लेता है|