फिलीपींस में आए भीषण तूफ़ान कालमेगी ने तबाही मचा दी है। राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने गुरुवार को देश के मध्य प्रांतों में भारी जनहानि के बाद राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। अब तक कम से कम 114 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग लापता हैं। अधिकांश मौतें अचानक आई भीषण बाढ़ में डूबने से हुईं।
सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, 127 लोग अब भी लापता हैं, जिनमें से ज़्यादातर सेबू प्रांत के हैं — जो तूफ़ान से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र बताया जा रहा है। बुधवार को यह तूफ़ान दक्षिण चीन सागर की ओर बढ़ गया, लेकिन अपने पीछे भारी विनाश छोड़ गया।
नागरिक सुरक्षा कार्यालय ने बताया कि इस आपदा से करीब 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। लगभग 5.6 लाख लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े, जबकि 4.5 लाख से अधिक लोगों ने आपातकालीन आश्रयों में शरण ली है। सेबू में केवल एक दिन में डेढ़ महीने जितनी बारिश दर्ज की गई, जिसने घरों, सड़कों और वाहनों को पानी में डुबो दिया।
सेबू की गवर्नर पामेला बारिकुआत्रो ने बताया, “हमने पूरी तैयारी की थी, लेकिन अचानक आई बाढ़ ने सब कुछ बदल दिया।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि लंबे समय से चल रही खनन गतिविधियाँ और कमज़ोर बाढ़ नियंत्रण व्यवस्था ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
राष्ट्रपति मार्कोस द्वारा घोषित “राष्ट्रीय आपदा की स्थिति” का उद्देश्य आपातकालीन राहत को तेज़ करना और खाद्य जमाखोरी व महंगाई पर नियंत्रण रखना है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि प्रशांत महासागर में एक और उष्णकटिबंधीय चक्रवात बन रहा है, जो आने वाले सप्ताह में उत्तरी फिलीपींस पर प्रहार कर सकता है।
आपदा में मारे गए लोगों में छह वायु सेना कर्मी भी शामिल हैं, जिनका हेलीकॉप्टर अगुसन देल सुर में राहत मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस बीच, वियतनाम के दक्षिणी क्षेत्र, विशेष रूप से हो ची मिन्ह सिटी, तूफ़ान कालमेगी के आगमन की तैयारी में जुटे हैं। मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि साइगॉन नदी में ऊँचे ज्वार के साथ 100 मिमी तक की भारी बारिश से निचले इलाकों में भयंकर बाढ़ आ सकती है।
