उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में भीषण गर्मी और लू के कहर के बीच पिछले चार दिनों में 57 लोगों की मौत हो चुकी है. बलिया से विधायक और प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है. इस बीच, मामले को लेकर सरकार द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने रविवार से जांच शुरू कर दी है.
इस मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. बलिया के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जयंत कुमार ने दावा किया कि बलिया जिले में ‘हीट स्ट्रोक’ से अब तक सिर्फ दो लोगों की ही मौत हुई है. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के अभिलेखों में दर्ज विवरण के अनुसार 40 फीसदी लोगों की बुखार व 60 फीसदी लोगों की अन्य रोगों से मौत हुई है.
कितने मरीज़ और क्या व्यवस्था
जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया, जिला अस्पताल में रोगियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए समस्त प्रबंध किए गए हैं. 15 बिस्तर बढ़ाए गए हैं. इसके साथ ही अस्पताल के कमरों में कूलर पंखे और एयर कंडीशनर लगाए गए हैं. जिला अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस के यादव ने बताया कि अस्पताल में गत 15 जून को 154 रोगी भर्ती हुए थे, जिनमें 23 रोगियों की विभिन्न कारणों से मृत्यु हुई है. उनके मुताबिक, इसके अलावा 16 जून को 20 रोगियों की तथा 17 जून को 11 रोगियों की मृत्यु हुई है.
उन्होंने स्वीकार किया है कि बलिया में सामान्य से ज्यादा संख्या में लोग मर रहे हैं. उनमें से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या अधिक है. इस बीच, मंत्री दयाशंकर सिंह का इस मामले को लेकर अजीबोगरीब बयान सामने आया है. उन्होंने रविवार को एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है और पहले भी ऐसा होता रहा है तथा ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी बार ऐसा हो रहा है.