November 21, 2024
sun fire hot research

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चीन अक्सर कुछ अलग करता रहता है कुछ नया बनाने में जुटा रहता है. चीन ने तकनीक के मामले में नित नए मुकाम हासिल कर रहा है। तकनीक के मामले में चीन ने अमेरिका, रूस और जापान जैसे विकसित देशों को पछाड़ दिया है।  इस बार चीन के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया ‘नकली सूरज’ असली सूर्य से 10 गुना अधिक ताकतवर है. ये असली सूर्य की तरह ही प्रकाश भी देगा और ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करेगा. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में कृत्रिम सूर्य का तापमान, असली सूरज की तुलना में 10 गुना अधिक तक पहुंच गया. इससे पहले चीन ने नकली चाँद भी बनाया था.China artificial sun 

क्या कहते हैं चीन के वैज्ञानिक?

चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि कृत्रिम सूरज ने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. 10 सेकंड के लिए कृत्रिम सूर्य 16 करोड़ डिग्री सेल्सियस (160 मिलियन डिग्री सेल्सियस) के तापमान पर भी पहुंच गया, यानी 10 सेकंड के लिए यह प्राकृतिक सूर्य के तापमान के 10 गुने से भी अधिक गर्म रहा. वहीं, 100 सेकंड तक यह 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस के तापमान को बनाए रखने में सफल रहा.



शेन्ज़ेन में दक्षिणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के निदेशक ली मियाओ के अनुसार अगला लक्ष्य रिएक्टर के लिए एक सप्ताह के लिए लग लगातार स्थिर तापमान पर चलना हो सकता है. उन्होंने चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को बताया कि ” ये महत्वपूर्ण सफलता है. अगला लक्ष्य तापमान को लंबे समय तक स्थिर रखना अब इस पर काम किया जाएगा चीनी वैज्ञानिकों द्वारा.China artificial sun 

चीन का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु संलयन प्रायोगिक अनुसंधान उपकरण, गर्म प्लाज्मा को फ्यूज करने के लिए एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करता है यह लगभग अनंत स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के लिए सूर्य और सितारों में स्वाभाविक रूप से होने वाली परमाणु संलयन प्रक्रिया को दोहराने के लिए डिजाइन किया गया है. चीन के पूर्वी अनहुई प्रांत में स्थित इस रिएक्टर को अत्यधिक गर्मी और शक्ति के कारण ‘कृत्रिम सूर्य’ कहा जाता है. इसे पिछले साल के अंत में तैयार किया गया था.

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली ने कहा कि “परमाणु संलयन ऊर्जा का विकास न केवल चीन की रणनीतिक ऊर्जा जरूरतों को हल करने का एक तरीका है, बल्कि चीन की ऊर्जा और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के सतत विकास के लिए भी बहुत महत्व रखता है.” बता दें चीनी वैज्ञानिक 2006 से परमाणु संलयन रिएक्टर के छोटे संस्करण विकसित करने पर काम कर रहे हैं.

फ्रांस में  भी दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु संलयन अनुसंधान परियोजना चल रही है, जिसकी 2025 में पूरा होने की उम्मीद है. वहीं दक्षिण कोरिया का अपना ‘कृत्रिम सूर्य’, कोरिया सुपरकंडक्टिंग टोकामक एडवांस्ड रिसर्च (केएसटीएआर) भी है, जो 20 सेकंड के लिए 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस का तापमान स्थिर रखने में सफल हुआ है.

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